12th MP Board Sociology भारतीय समाज की जनसांख्यिकीय संरचना
भारतीय समाज की जनसांख्यिकीय संरचना) के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण छोटे प्रश्न-उत्तर और निष्कर्ष नीचे दिए गए हैं:
महत्वपूर्ण छोटे प्रश्न और उत्तर (Q&A)
प्रश्न 1: 'जनसांख्यिकी' (Demography) का क्या अर्थ है?
उत्तर: जनसांख्यिकी जनसंख्या का सुव्यवस्थित अध्ययन है। यह यूनानी शब्द 'डेमोस' (जन) और 'ग्राफीन' (वर्णन) से बना है, जिसका अर्थ है 'लोगों का वर्णन' ।
प्रश्न 2: जन्म दर (Birth Rate) और मृत्यु दर (Death Rate) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जन्म दर का अर्थ है प्रति 1,000 की जनसंख्या पर एक वर्ष में जीवित पैदा हुए बच्चों की संख्या । मृत्यु दर एक निर्धारित क्षेत्र और अवधि में प्रति 1,000 व्यक्तियों पर होने वाली मौतों की संख्या है ।
प्रश्न 3: माल्थस का जनसंख्या वृद्धि का सिद्धांत क्या है?
उत्तर: थॉमस रॉबर्ट माल्थस के अनुसार, जनसंख्या ज्यामितीय (2, 4, 8...) दर से बढ़ती है, जबकि खाद्य संसाधन गणितीय (2, 4, 6...) दर से बढ़ते हैं। इससे भुखमरी और गरीबी पैदा होती है ।
प्रश्न 4: 'जनसंख्या विस्फोट' कब होता है?
उत्तर: जब चिकित्सा और पोषण में सुधार के कारण मृत्यु दर में तो तेज़ी से गिरावट आती है, लेकिन सामाजिक कारणों से जन्म दर ऊँची बनी रहती है, तब जनसंख्या बहुत तेज़ी से बढ़ती है, जिसे जनसंख्या विस्फोट कहते हैं ।
प्रश्न 5: 'स्त्री-पुरुष अनुपात' क्या दर्शाता है?
उत्तर: यह प्रति 1,000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या को दर्शाता है । भारत के कई राज्यों में यह अनुपात गिर रहा है, जिसका मुख्य कारण 'बेटे को प्राथमिकता' देना है ।
प्रश्न 6: 'जनसांख्यिकीय लाभांश' (Demographic Dividend) किसे कहते हैं?
उत्तर: जब किसी देश की जनसंख्या में काम न करने वाले लोगों (बच्चों और वृद्धों) की तुलना में कार्यशील आयु वर्ग (15-64 वर्ष) के लोगों का अनुपात अधिक होता है, तो उसे जनसांख्यिकीय लाभांश कहते हैं ।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस अध्याय का निष्कर्ष यह है कि जनसांख्यिकी केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह समाज की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति का दर्पण है ।
संक्रमण की स्थिति: भारत अभी जनसांख्यिकीय संक्रमण के दौर से गुजर रहा है जहाँ मृत्यु दर तो कम हो गई है, लेकिन जन्म दर में गिरावट की गति धीमी है ।
क्षेत्रीय भिन्नता: भारत के राज्यों में भारी असमानता है; जहाँ केरल जैसे राज्य प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Level) को प्राप्त कर चुके हैं, वहीं बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अब भी प्रजनन दर ऊँची है ।
अवसर और चुनौती: भारत के पास 'युवा जनसंख्या' के रूप में एक बड़ा 'जनसांख्यिकीय लाभांश' प्राप्त करने का अवसर है, लेकिन यह तभी संभव है जब इस युवा शक्ति को सही शिक्षा और रोज़गार उपलब्ध कराया जाए ।
सामाजिक सुधार की आवश्यकता: गिरता हुआ स्त्री-पुरुष अनुपात और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच जैसी चुनौतियाँ दर्शाती हैं कि केवल आर्थिक नीतियां काफी नहीं हैं, बल्कि गहरे सामाजिक सुधार भी अनिवार्य हैं ।
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